आज़ाद भारत के इतिहास में ऐसी कोई मिसाल नहीं जब लगातार आठ दिनों तक कोई प्रदेश गुंडातत्वों के हाथ में रहा हो, सैंकड़ों करोड़ की संपत्ति लूटी गयी और और करोडो की सरकारी एंव निजी संपत्ति को आग लगा दी गयी हो. हरियाण में अभी तक १० लोगों की जाने गयी कि गृह मंत्री नागनाथ ने अपने घर पर आपात बैठक कर हाई पावर कमेटी इस आश्वासन के साथ बना दी कि जाटों को आरक्षण दिया जायेगा.
पिछले कुछ वर्षों के भीतर नाहक ही तीन लाख किसान आत्महत्या कर अपना 'फैशनी शौक' पूरा करते रहे लेकिन सरकार ने कर्ज की रत्ती भर भी माफी न दी, जाटों ने आठ दिन में ही डंडा कर खट्टर सरकार का खच्चर दिल्ली तक दौड़ा दिया. आखिर बिना हिंसक हुए किसी आन्दोलन पर सरकारी कान क्यों नहीं खुलते? क्यों हरकत नहीं होती?
जाटों के आन्दोलन ने देश के अन्य हिस्सों में चल रहे दूसरे जनांदोलनों को आखिर क्या संदेश दिया है? ये अलग बात है कि गुंडागर्दी, लूट और सार्वजानिक संपत्ति का नुकसान किये बिना भी यह आन्दोलन किया जा सकता था. मेरा स्पष्ट मत है कि लम्पट तत्वों को निश्चय ही पूरे देश में एक सार्वजानिक स्वीकार्यता मिली है, नरभक्षी द्वारा सत्ता में आते ही कोई भी अपराधी राजनीति के आवरण में अपने कर्मो की वैधता जनता और व्यवस्था पर थोप सकता है.
इक्कीसवी सदी में भारत लम्पटवाद में प्रवेश कर रहा है, इतिहास इस युग को 'डार्क ऐज' के नाम से जरुर रेखांकित करेगा.
बोलो लम्पटवाद की जय..
चित्र सौजन्य : गूगल (गुंडातत्व से झुलसे हरियाणा की तस्वीरे)
पिछले कुछ वर्षों के भीतर नाहक ही तीन लाख किसान आत्महत्या कर अपना 'फैशनी शौक' पूरा करते रहे लेकिन सरकार ने कर्ज की रत्ती भर भी माफी न दी, जाटों ने आठ दिन में ही डंडा कर खट्टर सरकार का खच्चर दिल्ली तक दौड़ा दिया. आखिर बिना हिंसक हुए किसी आन्दोलन पर सरकारी कान क्यों नहीं खुलते? क्यों हरकत नहीं होती?
जाटों के आन्दोलन ने देश के अन्य हिस्सों में चल रहे दूसरे जनांदोलनों को आखिर क्या संदेश दिया है? ये अलग बात है कि गुंडागर्दी, लूट और सार्वजानिक संपत्ति का नुकसान किये बिना भी यह आन्दोलन किया जा सकता था. मेरा स्पष्ट मत है कि लम्पट तत्वों को निश्चय ही पूरे देश में एक सार्वजानिक स्वीकार्यता मिली है, नरभक्षी द्वारा सत्ता में आते ही कोई भी अपराधी राजनीति के आवरण में अपने कर्मो की वैधता जनता और व्यवस्था पर थोप सकता है.
इक्कीसवी सदी में भारत लम्पटवाद में प्रवेश कर रहा है, इतिहास इस युग को 'डार्क ऐज' के नाम से जरुर रेखांकित करेगा.
बोलो लम्पटवाद की जय..
चित्र सौजन्य : गूगल (गुंडातत्व से झुलसे हरियाणा की तस्वीरे)
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