बंगाल में घिरा संघ परिवार,उग्र हिंदुत्व के तीर तरकश बेकार तो बौखलाने लगे बजरंगी!
पलाश विश्वास
उग्र हिंदुत्व के रास्ते चलकर कमसकम बंगाल में संघ परिवार को कुछ हासिल नहीं होने वाला है।बंगाल में भाजपा के अध्यक्षपद पर तपन सिकदर और तथागत राय जैसे लोग रहे हैं जो बंगाल की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के जानकार रहे हैं।लेकिन राहुल सिन्हा को अध्यक्ष बनाकर बंगाल में हिंदुत्व की सुनामी पैदा करने का जो सिलसिला पिछले लोकसभा चुनाव से चला है,उसकी अगली कड़ी सीधे संग परिवार के स्वयंसेवक को बंगाल में भाजपा का अध्यक्ष बनाया जाना है।जो बंगाल के मिजाज के खिलाफ हुदुत्व ब्रिगेड की नफरत की जुबान बोलने में उत्तर भारत के तमाम प्रसिद्ध बड़बोले बजरंगियों से दिलचस्प मुकाबला कर रहे हैं और नतीजन बंगाल में संघ परिवार सिंगल आउट होता जा रहा है।
जेएनयू की तर्ज पर जादवपुर विश्वविद्यालय को बंद कराने की संघ परिवार की मुहिम के तहत बिरंची बाबा कोलकाता में आकर चाकचौबंद इंतजाम कर गये लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।बंगाल अपने बच्चों की हिफाजत के लिए एकजुट है और संघ परिवार से गुपचुप समझौते के बावजूद बंगाल सरकार ने अगर सांप्रदायिक फासिस्ट तौर तरीको पर अंकुश न लगाये तो इसके नतीजे फिर परिवर्तन का रास्ता ही तैयार करेगा।इसलिए बंगाल सरकार भी संघ परिवार के एजंडे को लागू करने में मदद करने की हालत में नहीं है।वरना अगले चुनाव में सारा हिसाब बराबर हो जाना है।
बंगाल में सत्तादल के साथ गुपचुप समझौते से संघ समर्थन का जो गुब्बारा फूल कर आसमान चीरने लगा था,वह बांग्ला माडिया के देश के मुख्यधारा के छी चैनलों के विपरीत धर्म निरपेक्ष लोकतांत्रिक रवैया अपनाने और बाकी देश के संघी कारनामो के बरहम खुलासा से लेकर महिषासुर और दुर्गा के भावनात्मक सवाल पर भी सकारात्मक रुख अख्तियार करने और जेएनयू के साथ साथ जादवपुर के हक में जनमत बन जाने से संघी बंगाल में बौखला गये हैं।
नतीजतन पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने देश विरोधी नारे लगाने वाले छात्रों को जूते-चप्पलों से पीटने की धमकी दी है।घोष ने इससे पहले ऐसे छात्रों को ऊपर से छह इंच छोटा करने और जमीन के छह फुट नीचे दफनाने की धमकी दी थी। जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों को लेकर दिए गए उनके इस ताजा बयान से विवाद खड़ा हो गया है।
दक्षिण 24-परगना जिले के सुंदरबन इलाके में रविवार को भाजपा की एक सभा के दौरान घोष ने कहा कि जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र परिसर के भीतर बैठकर देश विरोधी नारे लगा रहे हैं। उनमें हिम्मत है तो बाहर आएं
हम उनकी ऐसी पिटाई करेंगे कि वे अपने पूर्वजों के नाम तक भूल जाएंगे।
भाजपा नेता ने कहा कि ऐसे छात्रों की जूते-चप्पल से पिटाई कर उनको सीधा कर दिया जाएगा। वामपंथी लोग देश को बांटने की साजिश करने वालों का समर्थन कर रहे हैं।
बीते महीने जेएनयू की घटना के समर्थन में जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों की एक रैली के दौरान अफजल गुरू के समर्थन और कश्मीर व मणिपुर की आजादी की मांग के नारे लगे थे।
घोष ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी जैसे मौकापरस्त राजनीतिज्ञ उसका समर्थन कर रहे हैं।इससे कन्हैया जैसे मूर्खों का मनोबल बढ़ रहा है। वामपंथी नेताओं ने घोष की उक्त टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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