दीदी के मुकाबले खड़ी दीपा दासमुंशी के साथ पर्चा दाखिल करते वक्त बदसलूकी!
नेताजी वंशज चंद्र कुमार बोस नामांकन दाखिल करने गये तो दीदी की पुलिस ने भाजपाइयों को धुन डाला
चुनाव आयोग और केंद्रीय वाहिनी का अता पता नहीं है,बंगाल में हिंसा जारी
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप
बंगाल में सबसे खास चुनाव क्षेत्र कोलकाता है जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सत्तादल की उम्मीदवार है।
जाहिर है कि सत्तादल को यह सीट जीतने का भरोसा रहा होगा तभी उन्हें वहां से शत्ता में वापसी का रास्ता तैयार करने का विकल्प चुना गया है।लेकिन लगता है कि सत्तादल का आत्मविश्वास जीत के पक्के यकीन के बराबर नहीं है।
आज कोलकाता में अलीपुर द्वार में अजब गजब नजारा पेश आया जब नामांकन दाखिल करने वहां पहुंची वाम कांग्रेस गठबंधन की उम्मीदवार दीपा दासमुंशी के साथ बदसलूकी की गयी तो भाजपा उम्मीदवार नेताजी के वंशधर चंद्र कुमर बोस जब अपना पर्चा दाखिल कराने पहुंचे तो तृणूलियों की क्या कहें बिना बात पुलसकर्मियों ने भाजपाइयों को धुन डाला।
दीपा दासमुंसी की शिकायत है कि चुनाव आयोग नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया में भी विपक्षी उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम है और सौ मीटर के भीतर तृणमूलियों की भीड़ में उनसे बदसलूकी भी हो गया है।
मतदान के पहले चरण में जंगल महल के शालबनी से हिसां की लहरें उठीं और मतदान के दिन बूथ दखल कर लिये गये।
गठबंधन के वोटरों के अलावा भाजपा के वोटरों से मारपीट की गयी।माकपा उम्मीदवार और मीडियाकर्मी भी बख्शे नही गये।एक मीडियाकर्मी का अपहरण भी हो गया।
इसकी रपट आप हस्तक्षेप पर पहले ही पढ़ चुके होंगे।
उसी शालबनी में सौ फीसद तक मतदान हुआ और हिंसा के बावजूद चुनाव आयोग ने संज्ञान नहीं लिया।
दूसरी तरफ वीरभूम,मुर्शिदाबाद,नदिया और वर्दमान जिले तक से छिटपुट हिंसा की खबरें आ रही हैं।
चुनाव आयोग अगर निष्पक्ष न हुआ औरकेंद्रीय वाहिनी अगर तमाशबीन रही और भूतों के नाच के साथ साथ ममता बनर्जी की पुलिस वोटरों और एजंटों को बूथों से दूर रखने में कामयाब रहे तो बंगल में दीदी अपराजेय है।
इसीका ड्रेस रिहर्सल कोलकाता में मीडिया के कैमरे के सामने हो गया।केंद्रीय वाहिनी कोलकाता में नजर नहीं आ रही और चुनाव आयोग कहां है,पता नहीं चल रहा।
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