दो हजार शिकायतें धांधली और हिंसा की,लेकिन चुनाव आयोग के मुताबिक सबकुछ ठीकठाक!
माकपा दोबारा मतदान की मांग नहीं कर रही है क्योंकि चुनाव आयोग से उसका भरोसा उठ गया है!
मतदान शुरु होते ही भूतों का नाच बेशर्म की हदें पार कर चुका है,लेकिन चुनाव आयोग लोकतंत्र की हत्या पर शर्मिंदा नहीं है!
बहरहाल कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार हटाये गये
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप
दूसरे चरण के मतदान में भी भूतों का नाच खूब हुआ और फिलहाल मतान 82 फीसद बताया जा रहा है।विपक्ष ने करीब दो हजार शिकायतें धांधली और हिसा की दर्ज करायी है औच चुनाव आयोग ने किसी भी मामले में संज्ञान नहीं लिया।सीसीटीवी और कैमरा के अलावा लाइव टीवी प्रसारण के फुटेज उपलब्ध हैं,जो बूथों के भीतर हुी हिंसा का ब्यौरा देते हैं,लेकिन चुनाव आयोग अबाध और शांतिपूर्म मतदान का राग अलाप रहा है।
इसी बीच प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा के स्टिंग के मामले में फंसे कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को चुनाव आयोग कोलकाता पुलिस आयुक्त के पद से हटाने का निर्देश दिया। उनकी जगह एडीजी डीआइजी सोमेन मित्रा कोलकाता के नये पुलिस आयुक्त होंगे। इस बाबत चुनाव आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव इतिहास में यह पहली घटना है, जब चुनाव आयोग ने कोलकाता पुलिस आयुक्त को चुनाव चलने के दौरान उनके पद से हटा दिया हो।
पहले चरण की तरह अनेक बूथों पर 95 फीसद से ज्यादा वोट पडज़े और कमसकम 45 डिग्री सेल्सियस के तापमान के मध्य इतना भारी मतदान बिल्कुल असंभव है क्योंकि हर बूथ पर कुछ लोग तो दिवंगतहुए ही होगे और कुछ लोग आजीविका के खातिर बाहर होंगे और कुछ लोग उम्र और बीमारी की वजह से बूथों पर पहुंचने की हालत में न होंगे।
इसके विपरीत चुनाव आयोग शत प्रतिशत मतदान वाले बूथों के बारे में भी किसी भी तरह की शिकायत सुनने को तैयार नहीं है।
इस बीच माकपा लगातार चुनाव आयोग को ज्ञापने देकर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की मांग करती रही है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में कल विधानसभा चुनाव के दौरान हिंसा और मतदान में बाधा पहुंचाने की जो घटनाएं हुई है, उससे स्पष्ट हुआ है कि चुनाव आयोग ने राज्य में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव का जो वादा किया था वह विफल साबित हुआ है ।
माकपा पोलित ब्यूरो की ओर से आज जारी बयान के अनुसार सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस समर्थक उपद्रवियों ने जिस प्रकार से चुनाव में बाधा पहुंचाया उससे वह स्तब्ध है। पार्टी ने कहा है कि इस दौरान न केवल विपक्ष पर हमला किया गया बल्कि पोलिंग एजेंटों को मतदान केन्द्र में उपस्थित होने से रोका गया जो उम्मीदवारों के लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।
गौरतलब है कि मतदान शुरु होने से पहले इस बार मतदाताओं के मन में भय इसलिए भी नहीं था, क्योंकि मुख्य चुनावआयुक्त नसीम जैदी ने चुनावतिथि की घोषणा के पहले ही राज्य में केंद्रीय बल तैनात कर दिया था। इसके बाद आयोगबंगाल में छह चरण में सात दिन मतदान कराने का फैसला किया, ताकि वैज्ञानिक धांधली या अन्य प्रकार की गड़बड़ी की बात सामने नहीं आए। तैयारी भी उसी तरह से शुरू हुई।
मतदान शुरु होते ही भूतों का नाच बेशर्म की हदें पार कर चुका है,लेकिन चुनाव आयोग लोकतंत्र की हत्या पर शर्मिंदा नहीं है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोगके प्रवक्ता अधिकारी ने कहा कि मतदान संबंधी गड़बड़ी की वजह से कहीं से कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। बूथ पर कब्जे की भी कोई शिकायत नहीं मिली है। कहीं से किसी गंभीर मामले की शिकायत नहीं मिली है।
बर्दवान जिले के आसनसोल स्थित जमुड़िया में एक मतदान केंद्र के नजदीक से कच्चे बमों से भरा एक बैग बरामद किया गया। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के चंद्रकोना में एक मतदान केंद्र पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एजेंट पर हमले के बाद उसे अस्पताल में वयहां माकपाके एक एजेंट पर हमला किया गया।
जंगल महल में माकपा की महिला बूथ एजंट को बूथ के भीतर कपड़े उतारकर नीलाम करने की धमकी दी गयी केंद्रीय वाहिनी की मौजूदगी में।मतदान के दौरान ये वारदाते लाइव रहीं।
सूर्यकांत मिश्र से लेकर दीपा दासमुंसी से बदसलूकी हुीई और वोटरों के अलावा उम्मीदवारों को भी पीटा गया।मीडियाकर्मी भी बख्शे नहीं गये।फिरभी चुनाव आयोग को कहीं गड़बड़ी नजर नहीं आयी और न हिंसा के संगीन मामलों में कोई गिरफ्तारी हुई।जबकि प्रमुख विपक्ष वाममोर्चा, कांग्रेस और भाजपा ने इस चरण के मतदान में बड़े पैमाने पर हिंसा और मतदान में धांधली होने का आरोप लगाया है।
दूसरे चरण के मतदान के तुरंत बाद माकपा नेता नीलोत्पल बसु ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलकर लिखित तौर पर मतदान में जिलेवार धांधली और हिंसा के ब्यौरे दिये तो आज फिर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और नीलोत्पल बसु मुख्य चुनाव आयुक्त से मिले।
कामरेड सीताराम येचुरी ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलकर जो बयान दिया,उसका आशय समझना लोकतंत्र को बहाल रखने के लिए बेहद जरुरी है।येचुरी ने कहा कि चुनाव आयोग पर अब विश्वास नहीं है और माकपा कहीं भी मतदान रद्द करने या पुनर्मतदान की मांग नहीं कर रहा है।क्योंकि मौजूदा हालत में चुनाव आयोग का रवैया पक्षपातपूर्ण है और दोबारा मतदान में बी धांधली और हिंसा की आशंका है।
वहीं भाजपा ने उन तमाम बूथों पर दोबारा मतदान कराने की चुनाव आयोग से मांग की है जहां 95 फीसद से ज्यादा वोट पड़े।
कांग्रेस की ओर से भी शिकायतें की गयी हैं।
राजीव कुमार इसके पहले कोलकाता पुलिस में स्पेशल सीपी के पद पर कार्यरत थे। सुरजित कर पुरकायस्थ के कोलकाता पुलिस आयुक्त पद से हटने के बाद राजीव कुमार ने फरवरी में कोलकाता पुलिस आयुक्त पद का भार ग्रहण किया था।
गौरतलब है कि इसके पहले चुनाव आयोग ने पक्षपातपूर्ण रवैये के आरोप के तहत पांच जिला पुलिस अधीक्षकों व कई एसडीओ को चुनाव ड्यूटी से हटा दिया था।
गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने आरोप लगाया था कि कोलकाता खुफिया पुलिस के इंस्पेक्टर व कांस्टेबल के माध्यम से उनका स्टिंग करने की कोशिश की गयी थी। इसकी साजिश कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार रची थी।
स्टिंग कांड के आरोप के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर कांग्रेस व वाममोरचा के नेताओं ने श्री कुमार को हटाने की मांग की थी।
मार्च के अंतिम सप्ताह में कुमार को सीपी पद से हटाने का निर्णय हो भी गया था, लेकिन विवेकानंद फ्लाईओवर दुर्घटना के बाद यह तबादला कुछ दिनों के लिए स्थगित हो गया था, लेकिन मंगलवार को चुनाव आयोग ने कुमार को हटाने का निर्देश दे डाला।
प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कुमार को हटाये जाने का चुनाव आयोग के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि आयोग का यह बहुत ही सटीक कदम है। इससे कोलकाता में शांतिपूर्ण व पक्षपातरहित चुनाव कराने में मदद मिलेगी। माकपा के सांसद मोहम्मद सलीम ने भी अायोग के निर्णय का स्वागत किया है।