दीदी की जीत का मिथ टूटने लगा
मदन मित्र को अस्पताल में भर्ती करने से इंकार और बुरे फंसे ब्रायन
नारदा शारदा और सिंगुर जी का जंजाल तो दहशत का तंत्र भी चरमराने लगा
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप
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প্রয়োজন নেই, জানালেন চিকিত্সকেরা
उत्तर 24 परगना और हावड़ा में 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद पिछले तमाम टुनावों में कांग्रेस और वामदलों को लगभग सफाया होता रहा है जबकि दोनों जिलों में भाजपा के वोटों में इजाफा होता रहा है और उत्तर 24 परगना के ही बसीर हाट से एकमात्र भाजपा विधायक बंगाल विधानसभा में हैं।वैसे दक्षिण बंगाल में दीदी की बढ़त के आदार पर ही दीदी की जीत पर लोग दांव लगाते रहे हैं।
समझा जाता है कि जंगल महल और उत्तर बंगाल में सफाया हो जाने के बावजूद अकेले दक्षिण बंगाल की करीब दो सौ सीटों पर दीदी के मुकाबले कोई नहीं है।यह मिथ भी टूट रहा है।हालांकि भाजपा, कांग्रेस और वाम मोर्चा के केंद्रीय नेताओं के शब्दवाणों से आहत तृणमूल सुप्रीमो व पश्चिम बंगालकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 19 मई के बाद दिल्ली को बंगालकी ताकत का अहसास कराने की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि सोमवार को हावड़ा व उत्तर 24 परगना जिले के 49 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। तीसरे चरण में हुई हिंसा के मद्देनजर इस चरण में शनिवार की शाम से ही उत्तर 24 परगना के 33 व हावड़ा जिले के 16 विधानसभा क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं दोनों जिलों में केंद्रीय बलों की रात्रि गश्त तेज कर दी गई है। यह पहला मौका है जब चुनाव आयोग ने एहतियात के तौर पर इतना कड़ा कदम उठाया है।
इस बार लेकिन मुकाबला कांटे की है।समीकरण तो बदले ही हैं और इसके साथ चुनाव आयोग के अभूतपूर्व एहतियाती बंदोबस्त से अबकी दफा कमसकम किसी की एकतरफा जीत नहीं होनी है जबकि सभा पक्षों का दांव यहां सबसे ज्यादा है और इसीलिए बाहुबलियों और भूतों की भूमिका इतनी अहम है और हिसा का अंदेशा बना हुआ है।हालांकि डराने धमकाने और शक्ति प्रदर्शन का सिलसिला केंद्रीय बलों की मौजदगी के बावजूद जारी है और उसपर फिलहाल अंकुश पूरी तरह लगा नहीं है।
आम जनता और वोटर दहशत में हैं और जनजीवन पर इस दहशत का पुरजोर असर है।लोकल ट्रेनों में भीड़ कम है तो बाजारों में सन्नाटा है।सड़क परिवहन जैसे है ही नहीं।बसें और आटो सड़कों से गायब हैं और कल यातायात बहुत मुश्किल होगी।हावड़ा और उत्तर 24 परगना में चुनाव प्रचार खत्म होते ही 144 धारा लागू है।
सत्तापक्ष को शारदा नारदा का मुकाबला करना पड़ रहा है और लगातार झटके जारी हैं।राजनाथ सिंह के साथ मोदी की जगह प्रकाश कार्त की तस्वीर जारी करने के मामले में तृणमूल प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद क्विज मास्टर डेरेक ओ ब्रायन बुरी तरह फंस चुके हैं।कारत ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है तो भाजपा ने भी एफआईआर अलग से दर्ज कराया है और इस कांड के लिए सीधे तृणमूल सुप्रीमो को कॉघरे में खड़ा किया है।
विपक्ष अंबिकेश महापात्र की गिरफ्तारी का हवाला देकर डेरेक की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है तो दीदी के खेमे में फिर सिपाहसालार बने मुकुल राय की दलील है कि उनने मापी मांग ली है और मामला खत्म है।
दरअसल कोई माला खत्म हो नहीं रहा है।
सबसे बड़ा झटका तो जेल में बंद पूर्व मंत्री मदन मित्र को अस्पताल से बैरंग लौटा देने का हैरतअंगेज हादसा है।अब तक वे जब तब अस्पताल में भरती होते रहे हैं और उनका महीनों से इलाज करने वाले डाक्टर उनकी कोई बीमारी बता नहीं पा रहा हैं।जमानत की खातिर उनने मंत्री पद छोड़ दिया,फिरभी वे जेल में हैं।राजकाज तो खत्म हुआ है,अब जेल से चुनाव लड़ना भी उन्हें सुरक्षित नजर नहीं आ रहा है।वे अस्पताल में विशेष केबिन में बैठकर चुनाव का संचालन करना चाहते थे तो डाक्टरों ने कही दिया कि वे बीमार नहीं है,लिहाजा वे अस्पताल में दाखिल हो नहीं सकते।
ठीक मतदान से पहले शारदा की काली छाया गहराने लगी है और इस फर्जीवाड़े के शिकार लाखों परिवार के जख्म हरे हो गये हैं और कायदे से चुनाव आयोग अगर जमीनी स्तर पर बाहुबलियों और भूतों का खेल बंद करा सकें तो इन पिरावरों के लोग दीदी को ही वोट देंगे,इसकी कोई गारंटी नहीं है।
नारदा मामले में लोकसभा एथिक्स कमेटी या अदालती फैसला आने से दीदी और इस मामले में रिश्वत लेने के आरोप में फंसे मुकुल राय के इकबालिया बयान के बाद सत्तापक्ष की दलीलें लोगों को हास्यास्पद उसी तरह नजर आ रही हैं जैसे सिंगुर के किसानों को जमीन लौटाने की कसम।
यह शिकायत तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और करात की कथित फोटो को मीडिया में दिखाने के मामले में की गई है। यह फोटो ब्रायन ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिखाई थी। करात ने कहा कि टीएमसी राजनीति में बेहद निचले स्तर पर उतर आई है। उन्होंने इसको सीपीआईएम और खुद उनकी छवि खराब करने की कोशिश बताया है। इसी मामले में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल भी आज दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से मिला है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 4थे चरण का चुनाव प्रचार थम गया है लेकिन इस बीच इस राजनीतिक विवाद ने तूल पकड़ लिया। दरअसल माकपा पूर्व महासचिव की भाजपा नेता के साथ एक ऐसी तस्वीर को जारी किया गया है जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह कामरेड प्रकाश करात को मिठाई खिला रहे हैं।
इस फोटो के रिलीज़ होने पर हंगामा मच गया लेकिन इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता और सांसद डेरेक ओ ब्रायनपर सवाल उठे, तो खुलासा हुआ कि यह तस्वीर एडिटिंग के जरिये बनी है। दरअसल इस तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चित्र के स्थान पर प्रकाश करात का चित्र शामिल कर लिया गया है।
तृणमूल नेता सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर एक तस्वीर दिखाई और सीपीएम की जमकर आलोचना की। हालांकि ये तस्वीर फर्जी थी जिसके कारण अब तृणमूल कांग्रेस को यह फजीहत झेलनी पड़ रही है।तस्वीर के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही बवाल शुरू हो गया। विवाद बढ़ने के बाद TMC ने अपनी वेबसाइट से तस्वीर हटा ली।
जरा सी जांच करने पर पता चला कि इस तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई है। तस्वीर में राजनाथ जिस शख्स को मिठाई खिला रहे हैं वह दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी हैं। तस्वीर में छेड़छाड़ करपीएम नरेंद्र मोदी की जगह प्रकाश करात की तस्वीर जोड़ दी गई। यह तस्वीर 2013 में हुए बीजेपी के गोवा सम्मेलन की है।
गौरतलब है कि राज्य विधानसभा चुनाव के बीच माकपा और भाजपा के बीच गुप्त समझौता होने का दावा करते हुए ओ ब्रायन ने संवाददाता सम्मेलन में कारत और राजनाथ की एक तस्वीर दिखाई और इसे अपना पसंदीदा बताया।