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झारखण्ड सरकार द्वारा घोषित स्थानीयता निति के विरोध में प्रतिरोध तेज: जनसंघर्षों की रिपोर्ट संघर्ष संवाद से

Next: "नौ लोगों के इस परिवार के लिए सरकार ने 35 किलो गेहूं तय किया है. यदि इसे 30 दिन और दो वक़्त के हिसाब से तोड़ कर देखें तो एक समय में एक आदमी के हिस्से में लगभग 65 ग्राम अनाज आता है. मंगूसपुरवा से 40 किलोमीटर दूर बांदा में बने जिला कारागार में एक दोषसिद्ध कैदी के लिए निर्धारित खुराक में प्रतिदिन 700 ग्राम आटा, 90 ग्राम दाल, और 230 ग्राम सब्जी शामिल है. "
Previous: Student was lynched NAKED and the mob, comprising mostly of suspected Trinamul activists, dragged Kaushik Purkait towards a club and assaulted him and released him only after his relatives paid Rs 60,000 for the stolen buffalo. "My son would have been alive if the police had acted in time. While my son lay bleeding, some of the attackers demanded Rs 1 lakh from us," said the father. Horrible!Rajsthan scenarion shifted in Bengal as Irate mob lynches student to death over suspicion of stealing cattle!The Panchayat Politics played the key role! The Muslim Vote Bank remains intact and the RSS camp wits Aggressive Hindutva card seems to be successful to divide the voters against the ruling party and hereby, RSS defended DIDI to stop Left Congress alignment in self defence. It is the political scenario which has become the alchemist of unprecedented violence continuity in Bengal frame by frame. Excalibur Stevens Biswas Hastakshep
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झारखण्ड सरकार द्वारा घोषित स्थानीयता निति के विरोध में प्रतिरोध तेज: जनसंघर्षों की रिपोर्ट संघर्ष संवाद से 



सच्चिदानंद सोरेन
झारखण्ड के  जामा प्रखंड के बेदिया  पंचायत के गादी चुटो गांव के  झाझरापहाड़ी टोला में ग्रामीणों ने झारखण्ड के स्थानीयता निति को लेकर कुल्ही दुरूह(बैठक) किया.जिसमे महिला और पुरुषों ने भाग लिया.चर्चा और विचार विमर्श के बाद  सभी ग्रामीणों ने इसे काला स्थानीयता निति घोषित किया.ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा यह स्थानीयता निति आदिवासी और मूलवासियो को ध्यान में रखकर नही बनाया गया है.

हम आदिवासी और मूलवासियो ने लड़कर अलग झारखण्ड राज्य का गठन किया और आज जब हक और अधिकार की बात हो रही है तो रघुवर सरकार बाहरी लोगों के हित में स्थानीयता निति घोषित की  है जिसे झारखण्ड के आदिवासी और मूलवासी कभी बर्दाश नहीं करेगे. ग्रामीणों ने मांग किया कि 1932 खतियान को ही आधार मानकर झारखण्ड के स्थानीय निति को परिभाषित किया जाय.अगर रघुवर सरकार ऐसा नहीं करती है तो आदिवासी और मूलवासी  सड़क पर उतरकर आन्दोलन  करने के लिय विवश हो जायेगे.

ग्रामीणों ने यह भी सर्व सम्मति से  निर्णय लिया कि जो राजनितिक दल या नेता 1932 खतियान को झारखण्ड का स्थानीयता निति का आधार का समर्थन व मांग नहीं करेगे उस नेता और उस पार्टी का राजनितिक बहिष्कार किया जाएगा.ग्रामीणों ने वर्तमान स्थानीय निति के  विरोध में झारखण्ड के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास और झारखण्ड के कल्याण मंत्री डॉ लुइस मरांडी का पुतला फुका. मौके पर ग्राम प्रधान राजेन्द्र रॉय,नरेश सोरेन,सामू मरांडी,पुलिस बास्की,राम विलास मरांडी,सोनाली मुर्मू,कविता सोरेन,शिव शंकर मरांडी,सिंगराम हेम्ब्रोम,धाने मरांडी,श्रीधन बास्की,पकु सोरेन,अलादी टुडू,सुखु मुर्मू,रोयसोल बास्की,बड़का मरांडी के के साथ काफी संख्या में महिला और पुरुष उपस्थित थे.

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