अरुणाचल संकट की वजह खुलेआम गोहत्या?
कसाईबाड़ों की दास्तां कुछ और चेहरे बेनकाब करते हैं असल गोहत्यारों के!
अरुणाचल: राज्यपाल ने गौहत्या और टुकी के उग्रवादी संगठन से संपर्क को बताया आधार!
करिश्मा का अंधेरा छंटने लगा तो बेताब मीडिया ने सर्वे कराया,देश में आज भी है कायम है मोदी लहर, सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं!
पलाश विश्वास
मध्यप्रदेश के एक मुसलमान भाजपाई को गोहत्या के बाद पार्टी से बाहर कर दिया गया।इस प्रायश्चित्त के बाद खुलासा यह कि
अरुणाचल संकट की वजह खुलेआम गोहत्या?
कसाईबाड़ों की दास्तां कुछ और चेहरे बेनकाब करते हैं असल गोहत्यारों के!कसाईबाड़ा के कारोबार में गोमाता की थोक हत्या करने वाले हिंदुत्व के सिपाहसालारों के खिलाफ कब फतवा जारी होता है,देखना यही है।
एकदम ताजा सनसनी यह है कि अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा की चिट्ठी में बड़े खुलासे किए गए हैं। जानकारी के अनुसार, इस चिट्ठी में राजखोवा ने कहा है कि राजभवन में गोहत्या करने और जलाने की धमकी दी गई। साथ ही, मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की भी धमकी दी गई। इसीके साथ खबर यह भी है कि उच्चतम न्यायालय ने 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने पर संप्रग सरकार के कार्यकाल में नियुक्त उत्तराखंड और पुडुचेरी के राज्यपालों को बर्खास्त करने के मामलों में केन्द्र सरकार से जवाब तलब करते हुए कहा कि यह 'गंभीर मसला'है।
अब इन जावेद अक्तर का क्या करेंगे जिनने कोलकाता साहित्यउत्सव में बक दिया सहिष्णुता। गौरतलब है कि जाने-माने गीतकार एवं पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने कहा है कि कुछ हिंदू समूह अब मुस्लिम कट्टरपंथियों की तरह बर्ताव कर रहे हैं और यदि इस प्रकार के तत्वों को छोड़ दिया जाए तो भारतीय समाज हमेशा सहिष्णु रहा है।
बहरहाल करिश्मा का कटकटेला अंधियारा छंटने लगा तो बेताब मीडिया ने सर्वे कराया,देश में आज भी है कायम है मोदी लहर, सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं!पिछले बीस महीनों में केंद्र सरकार को कही पार्टी की जीत की खुशी तो कहीं हार का गम मिला। कई मुद्दों पर मोदी सरकार घिरी तो कहीं वाहवाही भी मिली।
मीडिया के मुताबिक अगर आज देश की जनता का मूड और मिजाज को देखा जाए तो आज भी देश में मोदी की लहर है।
एबीपी न्यूज-नीलसन के सर्वे में आज भी सबसे प्रिय नेता के नाम में मोदी आता है। जबकि कांग्रेस के राहुल गांधी दूसरे नंबर पर देश की जनता की पसंद है।
वैसे हकीकत की जमीन पर दिल्ली,बिहार के बाद अब यूपी बंगाल और उत्तराखंड में िस लहर का मुलममा उतर ही जाना है।ताकि सनद रहे,वरना इस पर चर्चा बेमानी है। अश्वमेधी घोड़ों का चना चबेना यही मीडिया का दानापानी है।
ताजा न्यूज ब्रेक है यह और इससे निबटना बेहद जरुरी भी है कि कैसे गो रक्षा आंदोलन पूर्वोत्तर को बलाताक्र सुनामी के शिकंजे में डाल रहा है।गौरतलब है कि अरुणाचल के गवर्नर ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए 15 जनवरी को प्रणब मुखर्जी को चार पेज की एक रिपोर्ट भेजी थी। इस रिपोर्ट में 'गोहत्या' और पूर्व मुख्यमंत्री नबाम टुकी के उग्रवादी संगठन से संपर्क को कारण बताया है। मीडिया में सामने आई रिपोर्टों के अनुसार, राजखोवा ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि तीन बागी विधायकों ने टुकी पर उग्रवादी संगठन एनएससीएन (खापलांग गुट) से संपर्क में रहने का आरोप लगाया था। राज्यपाल ने टुकी पर अनुशासनहीनता और अराजकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
इस रिपोर्ट में कहा गया कि राजभवन में मिथुन गाय काटने की धमकी दी गई। मुझे और मेरे परिवार को जलाने की धमकी दी गई। राज्यपाल का आरोप है कि उनके परिवार को अब जान का खतरा है। पूर्व सीएम और उनके मंत्रियां ने मुझे धमकाया और मेरे परिवार को मारने की धमकी दी। नबाम टुकी ने विधानसभा के बाहर समर्थकों को हिंसा के लिए उकसाया। राजभवन को जाने वाली सभी सड़कों को जबरन बंद कर दिया गया था। वहीं, नबाम टुकी ने राष्ट्रपति को भेजे गए मेरे रिपोर्ट को वापस लेने का दबाव बनाया। राज्यपाल ने इस रिपोर्ट में यह भी कहा कि मेरे साथ मारपीट की कोशिश हुई। गवर्नर ने यह भी कहा कि अरुणाचल के सीएम नबाम तुकी के आतंकियों से रिश्ते हैं।
गौर हो कि बीते दिनों अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
देशभक्त बिरादरी को मणिपुर या नगालैड या मिजोरम का इतिहास वैसे ही मालूम नहीं है जैसे वे स्वामी दयानंद सरस्वती की भूमिका से अनजान हैं कि जब महात्मा ज्योतिबा फूले से लेकर हरिचांद ठाकुर तक की अगुवाई में अस्पृश्य अपने को हिंदू नहीं मान रहे थे,आदिवासी तो अबभी हिंदू नहीं मानते हैं अपने को,तब स्वामी जी के आर्य समाज ने हिंदुत्व को नई पहचान दी थी।
वरना सवर्णों का आठ फीसद हिंदुत्व के जनादेश से भारतीय लोकतंत्र पर कब्जा मुश्किल था।
अब ओबीसी भले ही कुछ जियादा ही हिंदू हो,सच तो यह है कि तब स्वामी जी ने हिंदूत्व में सत्यार्थ प्रकाश के मार्फत एकीकरण अभियान चलाया था।यह भक्ति आंदोलन के जरिये वैष्णव धर्म के तहत बंगाल के अस्पृश्यों के हिंदूकरण के चैतन्य महाप्रभू के कृतित्व की पुनरावृत्ति थी,जिसकी फिर घर वापसी के सिलसिले में जरुरतआन पड़ी है।
आज भी गैर नागा मणिपुर वैष्णव है और उनका शास्त्रीय नृत्य संगीत मार्शल आर्ट नाटक वगैरह उसी वैष्णव धारा के मुताबिक है।इस बूते मणिपुर के हिंदुत्वकरण की सोचना भी मत।हिंदुत्व के प्रतिकूल मैतई मणिपुर भी मातृतांत्रिक है और स्त्री वहां शूद्र नहीं है।
अब अनुपम खेर और विनोद राय के साथ एक पांत में स्वामी दयानंद सरस्वती को खड़ा करने वाले केसरिया बजरंगियों के इतिहासबोध पर सवाल करना भी फिजूल है।
बाकी पूर्वत्तर कोई असम नहीं है।
हम उतने देशभक्त भले न हों भाजपाइयों की तरह,लेकिन पूर्वोत्तर में जो आग से खेलने का नया शौक चर्राया है,उसके मद्दे नजर एक नागरिक बतौर हना ही होगा कि लौहमहिला इरोम शर्मिला के चौदह सालसे जारी आमरण अनशऩ पर संघ तनिक गौर करते तो यह ट्रंप कार्ड न ही खेलते तो बेहतर था।
बहरहाल खबर यह है कि अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए 15 जनवरी को प्रणब मुखर्जी को भेजे चार पेज के रिपोर्ट में अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा ने 'गोहत्या' और पूर्व सीएम नबाम टुकी के उग्रवादी संगठन से संपर्क को कारण बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजखोवा ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि तीन बागी विधायकों ने टुकी पर उग्रवादी संगठन एनएससीएन (खापलांग गुट) से संपर्क में रहने का आरोप लगाया था।
राज्यपाल ने टुकी पर अनुशासनहीनता और अराजकता को बढावा देने का आरोप लगाया है.
रिपोर्ट में उन्होने कहा है कि पिछले साल 17 दिसंबर को टुकी और स्पीकर नबाम रेबिया के नेतृत्व में आए प्रदर्शनकारियों ने राजभवन के सामने एक पशु (मिथुन) की हत्या की थी। यह पशु स्थानीय लोगों में गाय की तरह ही पवित्र माना जाता है।
रिपोर्ट के साथ ही उन्होंने उस घटना की तस्वीर भी राष्ट्रपति को भेजी है। राजखोवा ने टुकी पर न्यीसी के छात्र संगठन और अन्य सांप्रदायिक संगठनों को राज्यपाल के खिलाफ उकसाने का आरोप लगाया ह।. टुकी भी न्यीसी जनजाति से आते हैं।
गौरतलब है कि अरूणाचल प्रदेश में पिछले साल 16 दिसंबर से राजनीतिक संकट है जब कांग्रेस के 21 विद्रोही विधायकों ने विधानसभाध्यक्ष नबाम रेबिया के महाभियोग के लिए एक अस्थायी स्थल पर बीजेपी के 11 और दो निर्दलीय विधायकों के साथ हाथ मिला था। विधानसभाध्यक्ष ने इस कदम को अवैध और असंवैधानिक करार दिया था।
🐃 exporter country"ब्राज़ील है, उसके बाद India,Australia,USA और UK.
का न० आता है।
4 बड़ी भारतीय कम्पनियां और उनका पता-
1-Al-kabeer Exports Pvt Ltd.
(Owner- Shree Shatish &
Atul Sabharwal) 92, jolly
makers/ chembur Mumbai
400021
2- Arabian Exports pvt Ltd.
(owner- Shree Sunil Kapoor)
Russion mentions, Overlies,
Mumbai 400001
3-M.K.R frozen food Exports pvt Ltd (Owner-Shree Madan Abot)MG Road, Janpath
NEW DELHI 110001
4-P.M.L Industries pvt.Ltd
(Owner- shree A.S bindra)
S.C.O. 62-63Sector 3
4-A Chandigarh 160022
मुसलमान तो ऐसे ही बदनाम किये जाते हैं
मुस्लिम नामों से मीट कम्पनियां चलाने वाले हमारे भारतीय ब्राम्हण भाई लोगों का, मांसाहार का विरोध करने वाले लोग, विरोध क्यों नही करते ?? ( हम मुसलमान लोग मांस का व्यापार करने वाले ब्राम्हण व्यापारी के व्विरोधी नहीं है)
अभी पिछले दिनों बकरीद पे फेसबुक पे तरह तरह की फोटो डाल के मुसलमानों के खिलाफ माहोल बनाया गया।
जबकि विश्व प्रसिद्ध "पशुपति नाथ" के मंदिर, हिमाचल प्रदेश के कई मंदिरों में बलि🐃🐃 की प्रथा आज भी प्रचलित है।
अभी नेपाल के विश्व प्रसिद्ध "गढ़ीमाई मंदिर " बेरियापुर में 28-29 नवम्बर को 5 लाख पशुओं की बलि दी जानी है।
यकीन ना हो तो Google पे सर्च कर सकते हैं।
कुछ समय पहले उत्तर कोरिया के एक महंगे होटल की फोटो अखबारों में छपी थी, जिसमें 4-5 महीने के ढ़ेर सारे human embryo किचन की
रस्सी पे लाइन से बंधे लटके हुये थे।
मांसाहारी लोग White meat के बारे में जरूर सुने होगें, जो इंग्लैंड, अमेरिका आदि देशो में बहुत खाया जाता है।
कभी सोचा है कैसे बनता है ???
गाय के बछड़े को महीनों भूखा रखा जाता है,जब वो मरणासन्न हो जाता है, तब उसे काटते हैं ।
कम से कम मुसलमान इतना नहीं गिरा है|
🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃🐃 send kare pls
एक रिपोर्ट के अनुसार India में रोजाना (Daily) 30 लाख जानवर लोग खाने के लिये कत्ल (Murder) कर देते हैं.
.
अगर लोग सिर्फ़ india में 1 साल के लिए मांस खाना बंद कर दें तो
3000000×365=1095000000
यानि 1 साल में लगभग 100 करोड़ जानवर बच जाएंगे इसके हिसाब से india में हर इंसान के साथ एक जानवर होगा.
10 सालों में हर इंसान के साथ 10 जानवर होगे
30 लाख जानवर रोज कत्ल होते है तो एक जानवर में 20 किलो मांस निकलता है तो
3000000×20=60000000 Kg.
6 करोड़ किलो मांस रोज निकलता है
एक इंसान 100 gm. मांस खाता है तो 100 gm. Par head 60 करोड़ लोग मिलकर खाते है .
India में मुस्लिम समुदाय 15 करोड़ (अंदाज) है ....
45 करोड़ लोग कौन ह ??????
भारत की राजनीति की वजह से मुस्लिम 15 करोड़ में भी 80% गरीब ह, जो दाल रोटी भी मुश्किल से खा पाते हैं
ये सिर्फ़ बड़े जानवर की बात है
इसमे मुर्गा , मछली और भी कई चीजें शामिल नहीं है
हमारी Indian Government विदेशी Non-Veg Restaurants को खुद license देते है जिसमें KFC, Mc Donald's, Sub Way, Domino's और भी कई कंपनियां ये सब non veg dishes बनाते हैं और इन सब कंपनी को बड़े बड़े hoardings posters और TV विज्ञापन करने की पूरी आजादी है.
ये कंपनियां रोज लाखों जानवरों को कत्ल कर देते हैं इनको license हमारी सरकार देती है एक गरीब आदमी के license के पीछे सारे लोग लग जाते है बड़ी कंपनी की तरफ से आंख बंद कर लेते है
आज तक ऐसा नहीं हुआ के शाकाहारी लोगों ने इन बड़ी कंपनियों के खिलाफ आवाज उठाई हो उठे भी तो कैसे
देश चलाने के लिए शाकाहारी होना जरूरी नहीं है
आज हम जानवरों को बचाने (पकड़वाने) की बात करते है वहीं हजारों लोग शराब और तम्बाकू से मर रहे हैं उसके license का विरोध कोइ नहीं करता.
जीन लोगों को इन्सानों के जान की फिक्र नहीं है और वो जानवरों की फिक्र करते हैं ?
आज जरूरत है इन सब के खिलाफ आवाज उठाने की लेकिन सबसे पहले मैं कहूंगा "हम सुधरेंगे युग सुधरेगा"
.
एक कड़वा सच....
दोगलापन छोड़ेंगे तो नफरत और तनाव घटेगा
Indian express reports:
BJP leader held for alleged cow slaughter in Madhya Pradesh, gets expelled from party
The BJP expelled Anwar Mev alias Anna, who was associated with its minority cell, from the party after the police recovered beef from his house
ritten by Milind Ghatwai | Bhopal | Updated: January 28, 2016 10:55 am
Anwar and nine others, including his eight relatives, were booked under the anti-cow slaughter law and relevant sections of the IPC and Prevention of Cruelty to Animals law
A BJP leader and his four relatives were held for allegedly slaughtering a cow at his home in Tonkkhurd about 30 kms from Dewas on Wednesday.
The BJP expelled Anwar Mev alias Anna, who was associated with its minority cell, from the party after the police recovered beef from his house.
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Investigating officer Vijay Sisodia told The Indian Express on Thursday that Anwar and nine others, including his eight relatives, were booked under the anti-cow slaughter law and relevant sections of the IPC and Prevention of Cruelty to Animals law.
Quoting a primary report of the local government veterinary hospital, Sisodia said the meat seized from Anwar's home was cow meat but samples will be sent to a laboratory in Mathura for confirmation.
Policemen were deployed in the town after right-wing activists gave a bandh call. The administration called a peace committee meeting in the evening with both communities demanding action against Anwar.
The accused tried to defend himself saying the beef seized from his house was not cow meat. The police said a slaughter license held in a family member's name had long expired.