Quantcast
Channel: বাংলা শুধুই বাংলা
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1191

महाबली की घबराहट =============== ये क्या हो रहा है ! Laxman Singh Bisht Batrohi

Next: Latest status of Taslima Nasrin.Taslima supports ZERO TOLERANCE agains religious Terrorists in Bangladesh!It is very important in referance to the incidents of minority persecution in Bangladesh! Taslima Nasreen ক্রসফায়ারে জঙ্গি মরলে বাংলাদেশের মানুষ কান্দে ক্যানো? জঙ্গি মরসে মরুক। ক্রসফায়ারে ওমর মতিন মরসে, তার জন্য কেউ ত কান্তাসি না। প্যারিসের জঙ্গিগুলাও ক্রসফায়ারে মরসে , কেউ কান্দে নাই। বাংলাদেশের সুশীলদের দেখি জঙ্গি অনুভূতি প্রবল।
$
0
0

महाबली की घबराहट
===============
ये क्या हो रहा है !

Laxman Singh Bisht Batrohi

मैं कांग्रेसी नहीं हूँ, न भाजपाई. मगर मैं हरीश रावत का प्रशंसक रहा हूँ. इसके पीछे कई कारण हैं. मुझे लगता था, वही उत्तराखंड के एकमात्र ऐसे नेता हैं जिनमें अपनी धरती के जमीनी संस्कार हैं और तमाम विरोधी परिस्थितियों के बीच, विषम से विषम परिस्थितियों से उनका उबरते चले जाना अपने प्रदेश के लोगों की शुभकामनाओं और उनके प्रति अटूट विश्वास के कारण ही हुआ है. मेरी यह धारणा अनायास नहीं है. मैं ही नहीं, मेरे जैसे उन अनेक लोगों का, जो हर बात को तर्क और परंपरा की कसौटी में परख कर अपनाते हैं, हरीश रावत को लेकर यही धारणा निर्मित हुई थी.
अचानक संजीवनी बूटी को लेकर उनकी घोषणा एक साथ अनेक सवाल खड़े करती है. यह मुद्दा उत्तराखंड भाजपा के सबसे अवसरपरस्त नेता निशंक का उठाया हुआ हास्यास्पद मुद्दा है जिसकी आरम्भ से ही आलोचना हुई थी. हरीश रावत का उसे हथिया कर अपने लिए इस्तेमाल करना अजीब हैरत में डालता है. यह बात तो कांग्रेस के अपने एजेंडा में भी कहीं फिट नहीं बैठती है.
हाल में लोक देवताओं को लेकर भी उनकी पक्षधरता सामने आई थी. मुझ जैसे पूजा और कर्मकांड के विरोधी के लिए यह बात भी अजूबा थी, मगर उसमें मुझे यह बात पसंद आई थी कि पहाड़ के लोक-देवताओं की पहचान और उनके स्वरूप को लेकर पहली बार किसी राजनेता ने बात की थी. पहाड़ के देवता मुख्यधारा के मैदानी देवताओं से एकदम भिन्न हैं. पहाड़ के देवता उस रूप में अतिमानवीय शक्तियों के प्रतीक नहीं हैं, जैसे कि मुख्यधारा के देवता. पहाड़ों के सभी देवता सामान्य लोगों के बीच से उभरे हुए, स्थानीय अंतर्विरोधों का अपने सीमित साधनों से मुकाबला करने वाले मामूली लोग हैं. प्रकृति की नियामतों से भरे-पूरे ये लोग शारीरिक और भावनात्मक शक्ति के एक तरह से मानवीय रूपक हैं. इसीलिए ये मनुष्य ही नहीं, जीव-जंतु और घास-फूस, लकड़ी-पत्थर भी हैं. चूंकि ये प्रकृति की सीधी निर्मिति हैं, इसलिए इनमे अतिमानवीय शक्तियां अपने सहज रूप में हैं.

मेरा शुरू से मानना रहा है कि ग्वल्ल-हरू-सैम-गंगनाथ-महासू और राम-कृष्ण-शिव-हनुमान के मंदिरों को एक श्रेणी में नहीं रखा जा सकता. मुझे लगता है पृथक् पहाड़ी राज्य का एक काम यह भी होना चाहिए कि वह उन सांस्कृतिक भिन्नताओं की भी बात करे जिसकी ओर मुख्यधारा की संस्कृति के आतंक की वजह से कभी ध्यान नहीं जा पाया. मगर हो एकदम उल्टा रहा है. उत्तर-पूर्व के राज्यों को छोड़ दें, पहाड़ी राज्य के रूप में निर्मित दोनों प्रान्त - हिमांचल और उत्तराखंड - दोनों ही जगह स्थानीयता पर मुख्यधारा की संस्कृति का आतंक बढ़ता चला गया है. सारी पूजा-पद्धतियों और विश्वासों में स्थानीयता हीनता की प्रतीक बन गयी हैं और मुख्यधारा की बाहरी पद्धतियों ने उनमें कब्ज़ा करके उन्हें अनावश्यक करार दिया है, पहाड़ों का अपना स्थापत्य और पूजा-पद्धतियां अतीत की चीजें बनती चली जा रही हैं. और तो और, जो देह और शरीर से परे प्राकृतिक बिम्बों के प्रतीक देवता थे, उन्हें भी धोती, कुरता, तिलक और खड़ाऊं जैसे ब्राह्मणवादी प्रतीक पहना दिए गए हैं. यह बात समझ से परे है कि पहाड़ की ऊंची-नीची पथरीली पगडंडियों पर ये वीर नायक ऐसी पोशाकों से युद्ध करते होंगे.
हरीश रावत जी का उत्तराखंडी राजनीति में प्रवेश मुझे इसीलिए ऐतिहासिक लगा था. मुझे लगा था कि हमारा वास्तविक नायक उभर आया है... हमारे राजनीतिक जीवन का प्रथम नायक... मेरा मजाक उड़ाया गया, मुझे संकीर्णतावादी, जातिवादी भी समझा गया, मगर मेरे विश्वासों में इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ा.
और अब निशंक की संजीवनी बूटी के एजेंट के रूप में उनका नया अवतार!... भाजपा के लिए उन्होंने उनका रास्ता कितना आसान बना दिया है... हालाँकि इससे नुकसान अंततः उत्तराखंड की जनता का ही होगा, क्योंकि हमारे नायक का एकमात्र विकल्प भी खो गया लगता है.
फिलहाल दूसरा कोई विकल्प है नहीं. 
अब किसके सहारे खड़ा होगा नया उत्तराखंड ?


--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

Viewing all articles
Browse latest Browse all 1191